The post Basmati Rice Price: बासमती के न्यूनतम निर्यात मूल्य से किसानों पर पड़ेगा असर, हफ्ते भर में कीमत 400 रुपये प्रति क्विंटल गिरी appeared first on Pravartak Bharat.
]]>ये भी पढ़ें: 2000 के नोट जाने के बाद, क्या फिर से बाजार में आयेंगे 1000 के नोट? जानिए रिजर्व बैंक ने क्या कहा
बासमती चावल उगाने वाले हरियाणा के करनाल के किसान और किसान कल्याण क्लब के अध्यक्ष विजय कपूर ने कहा कि मिलर्स और निर्यातक किसानों पर नई फसल कम कीमत पर बेचने का दबाव डाल रहे हैं, क्योंकि अगर सरकार 15 अक्टूबर के बाद न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) वापस ले लेती है तो उन्हें अच्छा मुनाफा होगा. उन्होंने कहा कि पंजाब के मिलर्स भी इस कीमत पर हरियाणा से बासमती चावल की 1509 किस्मे खरीद रहे हैं.
बासमती चावल (Basmati Rice Price)के कुल 1.7 मिलियन हेक्टेयर रकबे में से 1509 किस्म लगभग 40% क्षेत्र में उगाई जाती है. ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा कि एसोसिएशन की इंटरनल कैलकुलेशन के अनुसार किसानों को कुल मिलाकर 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
विजय सेतिया ने कहा कि किसान सरकार द्वारा निर्धारित एमईपी के दायरे में हैं. उन्होंने कहा कि अगर एमईपी को बाद में हटा दिया जाता है, तो जमाखोरों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अगर कीमतें और गिरती हैं तो पहले बासमती चावल की अच्छी कीमत देने वाले विदेशी खरीदार दाम पर फिर से बातचीत करने और उन्हें नीचे लाने की कोशिश करेंगे. सेतिया ने कहा कि ऐसी स्थिति में हमारे लिए उनकी मांग को संभालना मुश्किल होगा.
भारत बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है. भारत ने 2022-23 में लगभग 4.6 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया है. बासमती चावल की औसत फ्री-ऑन-बोर्ड कीमत लगभग 1,050 डॉलर प्रति टन है और इसका निर्यात आम तौर पर तीन रूपों कच्चा, भूरा या उबले चावल के रूप में होता है.
The post Basmati Rice Price: बासमती के न्यूनतम निर्यात मूल्य से किसानों पर पड़ेगा असर, हफ्ते भर में कीमत 400 रुपये प्रति क्विंटल गिरी appeared first on Pravartak Bharat.
]]>