bihar politics live news Archives - Pravartak Bharat https://pravartakbharat.com/tag/bihar-politics-live-news/ My WordPress Blog Thu, 05 Sep 2024 10:14:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 Bihar Politics : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी और ओसमा की सीक्रेट मीटिंग, जानिए अंदर की चौंकानेवाली बात https://pravartakbharat.com/2024/09/05/3479-kxflca/ https://pravartakbharat.com/2024/09/05/3479-kxflca/#respond Thu, 05 Sep 2024 10:14:55 +0000 https://thebharat.net/?p=3479 बिहार के सियासत (Bihar Politics) की हवा कब किस ओर अपना रुख बदल लें यह कहना काफी मुश्किल हैं. फिलहाल पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद से उनके परिवार की आरजेडी से दूरियां बढ़ने लगी थी. लालू यादव के बेहद करीबी रहे मो. शहाबुद्दीन आरजेडी के संस्थापक सदस्य थे. लेकिन दूरियां इस […]

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बिहार के सियासत (Bihar Politics) की हवा कब किस ओर अपना रुख बदल लें यह कहना काफी मुश्किल हैं. फिलहाल पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद से उनके परिवार की आरजेडी से दूरियां बढ़ने लगी थी. लालू यादव के बेहद करीबी रहे मो. शहाबुद्दीन आरजेडी के संस्थापक सदस्य थे. लेकिन दूरियां इस कदर बढ़ गई कि 2024 के लोकसभा चुनाव में शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब ने निर्दलीय चुनाव लड़ा.

लेकिन एक बार फिर से दोनों परिवारों के बीच नजदीकियां बढ़ती दिख रही हैं. इसके बीच मुलाकातों का सिलसिला जारी है. पहले एमएलसी विनोद जायसवाल के आवास पर लालू यादव और तेजस्वी यादव ने हिना शहाब से मुलाकात की. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के सरकारी आवास 5 देशरत्न मार्ग पर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की.


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मुलाकात बाद सियासी सरगर्मी काफी तेज हो गई है. इस सीक्रेट मीटिंग के बाद चर्चा है कि शहाबुद्दीन का परिवार एक बार फिर मजबूती के साथ आरजेडी से जुड़ेगा. इस बार ओसामा शहाब को आरजेडी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इसके साथ ही 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी के जनसंवाद यात्रा में भी ओसामा शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक ओसामा और तेजस्वी की इस सीक्रेट मीटिंग में सांसद संजय यादव और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी थे.

हिना की ताकत का एहसास हो गया आरजेडी को?

2024 के लोकसभा चुनाव (Bihar Politics) में काफी मान मनौव्वल के बाद भी हिना शहाब ने आरजेडी का टिकट लेने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि जो लोग (लालू यादव का परिवार) मुसीबत में उनके साथ नहीं रहे हैं, उनके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता. वे अपने दम पर निर्दलीय चुनाव लड़ी. हेना भले ही चुनाव हार गई लेकिन वे दूसरे स्थान पर रहीं. जबकि राजद के उम्मीदवार रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी तीसरे स्थान पर रहे.

एक-दूसरे की है जरुरत माई (MY) समीकरण

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव अपनी रणनीति (Bihar Politics) में कोई कमी नहीं चाहते. वे भलीभांति जानते हैं कि आरजेडी की नींव माई (मुस्लिम– यादव) समीकरण पर टिकी है. पिता लालू यादव के बनाए इस समीकरण में फूट हुई तो खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा. बिहार के मुस्लिम समाज में अभी भी शहाबुद्दीन के नाम की सहानुभूति है. उनके परिवार का आरजेडी से अलग होना RJD को नुकसान पहुंचा सकता है.

वहीं दूसरी तरफ हिना शहाब भी समझ चुकी हैं कि आरजेडी ही उनके लिए सही है. 2024 के लोकसभा चुनाव में हेना शहाब ने शहाबुद्दीन के शुरुआती दिनों के समीकरण के आधार पर चुनाव लड़ा. उन्होंने सवर्ण और मुस्लिम वोटों को जोड़ कर जीत की रणनीति बनाई. शानदार तरीके से चुनाव लड़ने के बाद भी हेना शहाब जीत नहीं सकीं. दरअसल उनके पास पार्टी का कैडर वोट नहीं होना सबसे बड़ी कमी रह गई.

लालू के परिवार से क्यों नाराज हुआ शहाबुद्दीन का कुनबा?

कोरोना काल में तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन की तबीयत खराब हो गई थी. जहां 1 मई 2021 को उनका निधन हो गया. शहाबुद्दीन के निधन के बाद परिवार अंतिम संस्कार सिवान में करना चाहता था, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई. इसके बाद आईटीओ के पास वाले कब्रिस्तान में शहाबुद्दीन को दफनाया गया.

लेकिन इस पूरे मामले में लालू यादव के परिवार का कोई व्यक्ति सामने नहीं आया. जबकि उस समय लालू यादव और उनके बेटे दिल्ली में ही थे. हालांकि बाद में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव सिवान पहुंचे और शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर जा कर परिजनों से मुलाकात की. लेकिन शहाबुद्दीन के समर्थक लालू यादव और तेजस्वी के नहीं आने से खफा थे.

तेजस्वी ओसामा के निकाह में हुए थे शामिल

शहाबुद्दीन के निधन के करीब दो महीने बाद उनकी पत्नी हिना शहाब की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब उन्हे देखने तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे. इसके बाद 11 अक्टूबर 2021 को वे ओसामा शहाब के निकाह में भी शामिल हुए थे. लेकिन इन सबके बावजूद भी दोनों परिवारों की दूरियां बढ़ती चली गई थीं. अब देखना यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद इस MY समीकरण को कितना फीट कर पाते हैं.

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Bihar Politics: CPI की रैली में नीतीश ने बताई अपने टूटते इंडिया गठबंधन की कहानी, जानिए कॉंग्रेस से क्यूँ नाराज हैं नीतीश https://pravartakbharat.com/2023/11/02/2838-hkywhr/ https://pravartakbharat.com/2023/11/02/2838-hkywhr/#respond Thu, 02 Nov 2023 14:25:06 +0000 https://thebharat.net/?p=2838 लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में बड़े उलटफेर होने की आशंका बनते दिख रहे हैं. पटना में सीपीआई की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की चिंता नहीं है। वो 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त […]

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लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में बड़े उलटफेर होने की आशंका बनते दिख रहे हैं. पटना में सीपीआई की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की चिंता नहीं है। वो 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। उनकी वजह से इंडिया गठबंधन का कामकाज प्रभावित हुआ है। अब हम लोग आगे की बातें चुनाव के बाद ही बैठकर तय करेंगे।

ये भी पढ़ें: बिहार समेत 14 राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों को मिला नियुक्ति पत्र, पढिए नियोजित शिक्षको को लेकर नीतीश ने क्या कहा!

26 अक्टूबर को कांग्रेस के ऑफिस सदाकत आश्रम में श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मनाई गई थी। लालू कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में नीतीश को भी निमंत्रण था, लेकिन वो नहीं गए थे। 6 दिन बाद आज सीपीआई के मंच से मुख्यमंत्री ने उस कार्यक्रम में ना जाने की वजह को साफ किया है।

सीपीआई के साथ हमारा पुराना रिश्ता

गुरुवार को मिलर स्कूल में हो रही इस रैली में मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में सीपीआई के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। कम्युनिस्ट पार्टी दो हिस्सा में बंट गई है। इसको एक होने के लिए सोचना चाहिए। नीतीश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो सरकार देश में है उसको देश की आजादी से कोई मतलब नहीं है। भाजपा हिंदू-मुस्लिम में झंझट करना चाहती है। 2007 से हम कंट्रोल कर रहे हैं।

हम लोग बिहार में 95% को एकजुट किए हैं। बिहार में जितना काम किया जा रहा है वह कहां छप रहा। उन्होंने कहा कि हम लोग इतना बहाली किए हैं फिर भी थोड़ा-बहुत छपता है।

14 महीने में दी 4 लाख नौकरियां- तेजस्वी

सीपीआई की रैली में तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सरकार एक दिन में एक लाख बीस हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे रही है। अभी सरकार को 14 महीने ही हुए हैं और हमारी सरकार ने चार लाख नौकरियां दी हैं।

बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग तलवार बांट रहे हम लोग रोजगार दे रहे। बीजेपी की वजह से बिहार का दो साल बर्बाद हो गया। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने एमएलए को खरीद लिया। बीजेपी को बिहार से बाहर करना लोकतंत्र की मांग थी। बीजेपी को भारत की सत्ता से भी बाहर करेंगे। बीजेपी की सरकार पूंजीपति की सरकार है। वहीं शिक्षक भर्ती में धांधले के आरोप पर उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से परीक्षा ली गई है। कोई धांधली नहीं हुई है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Bihar Politics) की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अलग-अलग आए। दोनों के मंच पर पहुंचने के बीच लगभग दो घंटे का अंतर रहा।

लाल झंडा हमारा भविष्य- डी राजा

सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि देश से भाजपा को हटाना है। देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। जनता के हाथ में पैसा नहीं है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रही है। लाल झंडा हमारा भविष्य है। इंडिया गठबंधन में हम एकजुट होकर रहेंगे और भाजपा को हटाएंगे। आजादी की लड़ाई हमारी लड़ाई है। हमें देश को बचाना है।

5 साल बाद सीपीआई की बड़ी रैली

यह रैली पटना के गांधी मैदान में होने वाली थी, लेकिन नीतीश कुमार के नियुक्ति पत्र बांटने वाले कार्यक्रम के चलते जगह बदलकर मिलर स्कूल किया गया। बता दें सीपीआई पांच साल बाद पटना में किसी बड़ी रैली का आयोजन कर रही है। इससे पहले पार्टी ने 25 अक्टूबर 2018 को गांधी मैदान में रैली की थी। तब कांग्रेस के कई बड़े नेता भी मंच पर थे। विपक्षी एकता की नींव उसमें रखी गई थी। हालांकि, सीएम नीतीश उस दौरान एनडीए का हिस्सा थें।

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