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]]>पिछली बार 13 अक्टूबर को अभ्यर्थियों की रिट याचिका पर जस्टिस एएस बोपन्ना और एम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई हुई थी. बीएड अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण और निशा तिवारी ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में भी पहले से चल रही बहाली प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था.
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इसी तरह बिहार में भी शिक्षक बहाली (Bihar Teacher News) की प्रक्रिया फैसला आने के पहले से चल रही है. इसलिए इन्हें भी शामिल किया जाए. छत्तीसगढ़ वाले मामले के जजमेंट की कॉपी भी कोर्ट में पेश की गई. बेंच ने पूरी दलील सुनने के बाद केस को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया था. अब इस मामले में आज सुनवाई होनी है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले की सुनवाई उसी बेंच में होनी चाहिए, जहां बीएड कैंडिडेट को लेकर आदेश आया था. जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने ही राजस्थान मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया था कि डीएलएड पास अभ्यर्थी ही क्लास 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के योग्य होंगे.
रिट याचिका दायर करने वाले मुख्य याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव और मीकू पाल की दलील है कि बिहार लोक सेवा आयोग के नोटिफिकेशन की शर्तों के अनुसार ही बीएड अभ्यर्थियों ने शिक्षक बनने के लिए आवदेन किया था. लेकिन अब उनका रिजल्ट जारी नहीं किया गया है.
3 लाख 90 हजार अभ्यर्थियों का रिजल्ट पेंडिंग है. बीपीएससी ने सिर्फ डीएलएड पास उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया है. बिहार में 1 लाख 70 हजार 461 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है, इसमें करीब 80 हजार प्राइमरी स्कूल के टीचर हैं. प्राथमिक विद्यालय के 72,419 अभ्यर्थी शामिल हैं. अब 2 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार बीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल हुए 25,000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे.
क्लास 1 से 5 तक के शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किए जाने को लेकर सरकार ने 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. इस मामले में 9 अक्टूबर को जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने बिहार सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया था. मामला दूसरी बेंच में ट्रांसफर कर दिया गया.
याचिकाकर्ता दीपांकरऔर मीकू पाल ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि एनसीटीई के जिस गजट को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया है. उसी गजट से पूरे देश मे लाखों बीएड अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूल में बहाल हुए हैं. बिहार में भी छठे चरण में बीएड पास शिक्षक बने हैं.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केंद्रीय केंद्रीय विद्यालय में भी प्राथमिक में बीएड योग्यताधारी बहाल हुए हैं. संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार समानता का अधिकार की मांग करते हुए बिहार में भी चल रहे शिक्षक बहाली में बीएड को शामिल करने का निवेदन याचिकर्ताओं ने किया है.
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